सैनिकों के नाम पत्र#विजय दिवस लेखनी प्रतियोगिता -22-Dec-2021
विजय दिवस पर सैनिकों के नाम पत्र
22.12.2021
मेरे देश के आदरणीय वीर जवानों,
सत सत नमन आप सबको,
यह पत्र आज मैं लेखनी मंच के माध्यम से लिख रही हूँ, शायद आप तक पहुँच जाए। वैसे आप जानते हैं मैं स्कूल के दिनों से ही जब भी आपके बारे में पढ़ती, सुनती और टीवी में समाचारों, 26 जनवरी की परेड में आप सब जल,थल और वायु सेना के वीर जवानों को देखती तो आपसे मिलने आपसे बात करने आपके बारे में जानने की इच्छा होती, मैं आपको पत्र लिखा करती थी जो कभी पोस्ट तो नहीं किये ना ही मैं कभी आपका धन्यवाद कर पाई।
इस विजय दिवस के 51वें वर्षगांठ पर यह मौका मिला। 16 दिसम्बर 1971 में चले लगातार तेरह दिन के भारत पाकिस्तान के युद्ध में भारत की विजय की ख़ुशी प्रत्येक भारतीय के चेहरे पर थी। वैसे उस युद्ध में हमने अपने करीब 4000 वीर जवानों को खोया और हजारों जवान बुरी तरह घायल हुए। उनकी कुर्बानी और आप सबका साहस हर युद्ध में वीर जवानों की वीरगति प्राप्त होने के बाद भी हमारे देश के जवानों को सेना में जाने के इस जज्बे को मैं सलाम करती हूँ।
सेना में शामिल होना फौज में नौकरी ये आपके लिए सिर्फ नौकरी नहीं है अपने देश के प्रति प्रेम है। आप बौर्डर पर दिन रात तैनात हो देश की शत्रुओं से रक्षा करते हैं अपनी जान की परवाह किए बिना।
हम भगवान से आपकी सलामती की कामना करते हैं। वैसे देखा जाऐ तो हमारे देश के साक्षात भगवान तो आप ही हैं। भगवान की मुर्तियों और तस्वीरों की हम पूजा करते हैं उनका आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहे। देखा तो कभी नहीं है उन्हें पर सच कहूं मैं जब भी किसी फौजी अफसर या किसी सेना के जवान को देखती हूँ तो वही भगवान की पूजा वाली फीलिंग आती है, सर अपने आप श्रद्धा से झुक जाता है।
आपके बलिदान के कारण ही हम सुरक्षित हैं। अफसोस होता है और खुद पर और इस देश के नेताओं पर शर्म आती है जब आप और आपके किसी भाई बेटे के शहीद होने के बाद उनके परिवार को वो सम्मान और आर्थिक मदद नहीं मिलती है। उन्हें एक एक पैसे के लिए जब मोहताज होना पड़ता है बहुत बुरा लगता है।
मैं जातिवाद आरक्षण के सख्त खिलाफ हूँ पर हाँ आरक्षण मिलना चाहिए तो सिर्फ देश के वीर जवानों और आपकी संतानों को। आप हमारे देश की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर देते हैं और यहाँ आपके बच्चे पत्नी नौकरी की तलाश में ठोकरें खाते हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार की तरफ से यह व्यवस्था नहीं होगी कि उन्हे नौकरी और पेंशन की सुविधा मिले पर फिर भी देखा है मैंने उनको ठोकर खाते।
आपके साहस और त्याग को तो हम कभी भूल नहीं सकते। हर त्यौहार में आपका भी मन करता होगा अपने परिवार के पास आने का। कई बार आप छुट्टियों की दर्खास्त अपनी बहन या बेटी की शादी में शामिल होने के लिए करते होंगे पर पहले अपने देश के प्रति आप अपना फर्ज निभाते है उसी बीच यदि कोई युद्ध में आपको जाना पड़ता है तो वो आपके इंतजार में आँखे नम तो जरूर होती होंगी। आपके साथ आपके परिवार के बलिदान उनके त्याग और साहस को भी हम सत सत नमन करते हैं।
नमन करते हैं हम आपको आपके बलिदान को
देश की मिट्टी को है आप पर गर्व
खुद मिट कर इस मिट्टी में मिलकर
इस देश की मिट्टी की करते हैं सुरक्षा आप
आपको हमारा धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद
आपकी बहन, बेटी, माँ
भारत देश की एक आम नागरिक
***
कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी
#विजय
Sunanda Aswal
27-Dec-2021 11:32 AM
बहुत सुंदर कहानी
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Seema Priyadarshini sahay
26-Dec-2021 05:14 PM
👌👌💐💐💐💐
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Swati chourasia
22-Dec-2021 10:30 PM
Jai hind 🙏
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